भारत म्यांमार को जल्द सौंपेगा पहला पनडुब्बी सिंधुवीर, जानें विस्तार से
म्यांमार के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के तहत ही भारत म्यांमार की नौसेना को यह पनडुब्बी इस साल के अंत तक सौंप देगा.
भारत ने पड़ोसी म्यांमार को अपनी एक पनडुब्बी देने का फैसला किया है. भारत ने रक्षा सहयोग के सहारे मजबूत करने के कड़ी में भारतीय नौसैनिक बेड़े से आईएनएस सिंधुवीर को लीज पर देने का फैसला होगा. पूर्वी एशिया के पड़ोसी देशों के साथ प्राचीन पारंपरिक रिश्ते को मजबूत करने के साथ इस क्षेत्र में चीन के वर्चस्व को थामने के लिए मोदी सरकार बीते कुछ सालों से एक्ट ईस्ट नीति पर जोर दे रही है.
म्यांमार के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के तहत ही भारत म्यांमार की नौसेना को यह पनडुब्बी इस साल के अंत तक सौंप देगा. भारत म्यांमार की नेवी को जो आईएनएस सिंधुवीर पनडुब्बी देने जा रहा है, वह उसके बेड़े की पहली पनडुब्बी होगी. दरअसल, इलाके में चीन ने जिस तरह से अपना दबदबा कायम करने की कोशिश की है, उसके बाद भारत भी हिंद महासागर से लेकर दक्षिण चीन सागर तक में अपनी चौकसी बढ़ा चुका है.
भारत एवं म्यांमार के बीच रक्षा साझेदारी
भारत और म्यांमार के बीच यह रक्षा साझेदारी इस लिहाज से बेहद मायने रखती है कि चीन अपने आर्थिक और सामरिक संसाधनों के सहारे पड़ोसी देशों की अर्थव्यवस्था से लेकर रणनीतिक मोर्चो पर अपना प्रभुत्व चाहता है. म्यामांर भी चीन के इस एजेंडे का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. म्यांमार ने कुछ अर्सा पहले अपनी नौसेना का विंग बनाने की घोषणा की थी तब भारत ने इसमें उसकी मदद का वादा किया था.
भारत सुरक्षा और विकास के प्रति प्रतिबद्व
भारत ने म्यांमार नौसेना को उसके प्रशिक्षण के लिए पहला पनडुब्बी सिंधुवीर देने की घोषणा की है. सागर के अपने दृष्टिकोण के तहत भारत इस पूरे क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास के प्रति प्रतिबद्व है. इस दिशा में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ भारत अपने पड़ोसी देशों की क्षमता निर्माण और आत्मनिर्भरता के लिए भी प्रतिबद्व है.
आईएएनएस सिंधुवीर: एक नजर में
आईएएनएस सिंधुवीर एक डीज़ल इलेक्ट्रिक किलो क्लास सबमरीन है और यह म्यांमार सेना के बेड़े का हिस्सा बनने वाली पहली पनडुब्बी होगी. इतना ही नहीं भारत के किसी दूसरे देश को पनडुब्बी देने का भी यह पहला अवसर होगा.
भारत-म्यांमार संबंध
म्यांमार के साथ भारत की 1600 किलोमीटर से ज़्यादा लंबी साझा ज़मीनी और समुद्री सीमा है. म्यांमार के साथ भारत के विकास संबंधी सहयोग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है. भारत और म्यांमार दोनों पड़ोसी हैं. इनके संबंध अत्यन्त प्राचीन और गहरे हैं और आधुनिक इतिहास के तो कई अध्याय बिना एक-दूसरे के उल्लेख के पूरे ही नहीं हो सकते. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी म्यांमार बहुत महत्वपूर्ण है. दोनों देशों ने सीमा क्षेत्र से बाहर प्रचालन करने वाले भारतीय विद्रोहियों से लड़ने के लिए वास्तविक समयानुसार आसूचना को साझा करने के लिए संधि की है.
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